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Showing posts from 2017

दूरियाँ साथ-साथ.....

हम साथ भी ऐसे थे ! . जैसे पटरियां रेल की.....!!!!! . हम न बिछड़े कभी ! . हम कभी मिले भी नहीं.....!!!!! हम साथ ठीक उसी तरह थे ! . जैसे किनारे हों किसी दरिया के.....!!!!! . चले भी साथ-साथ ! रूके भी साथ-साथ ! बहे भी साथ-साथ ! . हम कभी बिछड़े नहीं ! . लेकिन कभी मिले भी नहीं ! . शायद कभी मिलेंगे..... तब जब दरिया सूख जायेगी ! तब जब दोनों साहिल आपस में खो जायेंगे ! उस वक्त कोई अलग नहीं कर पायेगा ! . जब कभी दरिया फिर जनम लेगी ! फिर उसके दो किनारे हो जायेंगे ! फिर उनके साथ वही होगा ! वो फिर अपने मिलन का इंतजार करेंगे ! . मिलेंगे ! लेकिन तब , जब फिर बहुत देर हो चुकी होगी ! जब दोनों बे-जान हो चुके होंगे ! . फिर भी वो अपने मिलन पर खुश होंगे.....!!!!! . . . . . शायद ! 😊😊😊😊😊

अधूरा आसमाँ.....

अधूरा आसमाँ.....!!!!! आज पूर्णिमा को भी आसमान अधूरा सा लगा..... . क्यूंकि आसमान में आज एक ही चाँद था.....!!!!! . पूरी रात मैं बस दूसरे चाँद को ढूंढ़ता रहा..... . ढ़ूंढ़ता रहा.....ढूंढ़ता ही रहा.....!!!!! . पता नहीं पास आने को या दूर जाने को.....!!!!! . इस तरह सुबह हो गयी ! . न चाँद दिखा ! न वो पास आया ! न ही वो दूर जा सका ! मानो कहीं आस-पास ही भटक रहा है.....!!!!! . वो चाँद ! हाँ वही ! दूसरा चाँद.....!!!!! 😊😊😊😊😊

रिश्ता !

रिश्ता.....!!!!! तुमसे मेरा रिश्ता सिर्फ़ इतना सा था..... . . . . . कि दो आखों से तुम ही रिसते रहे.....!!!!! 😊😊😊😊😊

छुपन-छुपाई

एक तुम ! . एक मैं ! . एक ये दुनिया ! . दोनों मिलते हैं..... . तीसरे से छुप-छुप के.....!!!!! 😊😊😊😊😊

⊙He-She.....⊙

We'll be forever was what he promised her..... Days later when she saw him lying on the Ventilator table of the Hospital taking his last Breath made He realised that His promise never mattered..... 😊😊😊😊😊

जब तुम.....!!!!!

मुझको भी बतलाकर जाना ! हाथ छुड़ाना मुझसे जब तुम..... मत लेना पहचान कभी जो ! आँख मिलाना मुझसे जब तुम..... भेंट न हो ये कोशिश करना ! राह बचाना मुझसे जब तुम..... बस यूँ ही..... 😊😊😊😊😊

हिसाब !

सोचा कि , आँसुओं का तकिये की नमी से बढ़कर , कुछ तो हिसाब होता होगा ! कोई तो देखता होगा ! आखिर , आँसू तो आँसू थे ! जुड़े तो आँसू ही बने ! बहे और उड़ गये , किसी को खबर भी न हुई ! 😊😊😊😊😊 सवाल अब भी वही है ! हिसाब हुआ या बाकी है ? 😒😒😒😒😒 ©ImSaurabh99

मैं, मौसम और हम.....

बारिश रुलाती है , ठंड दिलासा दे जाती है , और गर्मियां फिर से बारिशों के आने की बेचैनी बढ़ाती हैं..... सर्दी मैं उस अलाव के पास बैठकर बिताना चाहता हूँ , जहां मुस्कुराते हुए अपनी पुरानी बातों की लकड़ियों को आग में डाल दूंगा..... फिर कुछ नई बातों से नया मौसम बनेगा..... सुबह उठने पर सब कुछ धुंधला होगा..... इतना कोहरा होगा कि हमें कोई नहीं दिखेगा..... सारी बातें जल चुकी होंगी , और बस हम अपने नजदीक तक का ही देख सकेंगे..... धीरे से धूप आएगी ,उसे तापेंगे और शाम को हवायें फिर से सर्द हो जायेंगी..... इसी तरह मौसम कट जाएगा..... फिर वही गर्मी होगी जो बेचैनी बढ़ाएगी , बारिश का खूब इंतजार करवाएगी..... उन बारिशो का नहीं , जो मैं नहीं चाहता ,जो रुलाती हैं..... बल्कि उस बारिश का , जो हम और आप इत्मीनान के साथ बिताने वाले हैं..... ©ImSaurabh99

खलिश.....

खुदा में भी इन दिनों कुछ कमी सी लगती है , तेरी सूरत तलाश में तो मिलती नहीं है..... मैं कोई फूलों ,रंगों ,सितारों की बात नहीं कहता..... सच तो यह है कि तुम्हारे बिना, शाम की चाय भी जमती नहीं है..... टांड़ पर रख दी है मैंने अपनी पसंदीदा किताबें , न जाने क्यों अब उनमें तबीयत रमती नहीं है..... शाम को भी भा गई है यह मुंडेर मेरी , कि आकर बैठ तो जाती है मगर ढलती नहीं है..... न जाने क्यों एक खलिश सी जेहन में रेंगती है , और गले में समंदर की प्यास , दूर से ही मुझे सुनाई देती है , अपनी ही मूक आवाज..... ©ImSaurabh99

⊙दिल⊙

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दिल तो बच्चा है.....

अस्तित्व

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जिन्दगी है साहब !

⊙बहाना⊙

बरामदे का आइना टूटा मिला है , निराश चेहरा छुपाने का बहाना अच्छा मिला है..... पलट कर देखते हैं बरसों से पड़ी पुरानी चीजों को , बीता हुआ वक्त लौटाने का बहाना अच्छा मिला है..... पुरानी तस्वीरें फिर खोली हैं आज , शबो-सुबह दिल बहलाने का बहाना अच्छा मिला है..... आज फिर अपना पसंदीदा लिबास पहना है मैनें , रकीब को जलाने का बहाना अच्छा मिला है..... तूफान आता है तो बंद कर लो सभी खिड़की दरवाजे , अंधेरे में बैठ जाने का बहाना अच्छा मिला है..... अच्छा हुआ जल गया शहर का इकलौता डाकघर , खतों से पीछा छुड़ाने का बहाना अच्छा मिला है..... यादें रख के सोते हैं तकिये तले इन दिनों , नीदों से अदावत का बहाना अच्छा मिला है..... खोये-खोये चुप-चाप से रहते हैं आजकल , लोगों से दूर भाग जाने का बहाना अच्छा मिला है..... ©ImSaurabh99