Posts

Showing posts from November, 2017

दूरियाँ साथ-साथ.....

हम साथ भी ऐसे थे ! . जैसे पटरियां रेल की.....!!!!! . हम न बिछड़े कभी ! . हम कभी मिले भी नहीं.....!!!!! हम साथ ठीक उसी तरह थे ! . जैसे किनारे हों किसी दरिया के.....!!!!! . चले भी साथ-साथ ! रूके भी साथ-साथ ! बहे भी साथ-सा...

अधूरा आसमाँ.....

अधूरा आसमाँ.....!!!!! आज पूर्णिमा को भी आसमान अधूरा सा लगा..... . क्यूंकि आसमान में आज एक ही चाँद था.....!!!!! . पूरी रात मैं बस दूसरे चाँद को ढूंढ़ता रहा..... . ढ़ूंढ़ता रहा.....ढूंढ़ता ही रहा.....!!!!! . पता नहीं ...

रिश्ता !

रिश्ता.....!!!!! तुमसे मेरा रिश्ता सिर्फ़ इतना सा था..... . . . . . कि दो आखों से तुम ही रिसते रहे.....!!!!! 😊😊😊😊😊

छुपन-छुपाई

एक तुम ! . एक मैं ! . एक ये दुनिया ! . दोनों मिलते हैं..... . तीसरे से छुप-छुप के.....!!!!! 😊😊😊😊😊

⊙He-She.....⊙

We'll be forever was what he promised her..... Days later when she saw him lying on the Ventilator table of the Hospital taking his last Breath made He realised that His promise never mattered..... 😊😊😊😊😊

जब तुम.....!!!!!

मुझको भी बतलाकर जाना ! हाथ छुड़ाना मुझसे जब तुम..... मत लेना पहचान कभी जो ! आँख मिलाना मुझसे जब तुम..... भेंट न हो ये कोशिश करना ! राह बचाना मुझसे जब तुम..... बस यूँ ही..... 😊😊😊😊😊

हिसाब !

सोचा कि , आँसुओं का तकिये की नमी से बढ़कर , कुछ तो हिसाब होता होगा ! कोई तो देखता होगा ! आखिर , आँसू तो आँसू थे ! जुड़े तो आँसू ही बने ! बहे और उड़ गये , किसी को खबर भी न हुई ! 😊😊😊😊😊 सवाल अ...