अल्फाज़ नहीं जंजीरे हैं ,
जलते बुझते ख्वाबों की कुछ तहरीरें हैं.....!!!!!
रास्ते पसंद हैं.....
मंजिलों में मन नहीं रमता.....
जैसे सीने पर किसी ने सड़क बना दी हो.....
निगाहों में आसमाँ.....!!!!!
बाकी सब !
"आसान है".....
⊙He-She.....⊙
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We'll be forever was what he promised her.....
Days later when she saw him lying on the Ventilator table of the Hospital taking his last Breath made He realised that His promise never mattered.....
😊😊😊😊😊
मैंने मौत को तो महसूस नहीं किया है, लेकिन मैंने तुम्हें खुद से दूर जाते देखा है। मौत भी शायद ऐसी ही होगी, न रोने देती होगी, न हँसने, और न कुछ महसूस करने। तब भी दिखता सब होगा, दिखाई कुछ नहीं देगा। पता सब चलता होगा, महसूस कुछ नहीं होगा। कुछ और दर्द तब भी याद नहीं रहता होगा, बस वो एक दिल होगा जिसमें दर्द बेहिसाब होगा, और सीना फट जाने के करीब। दिल चीखता तब भी होगा, बस आवाज नहीं आती होगी। तूफान दिल में तब भी उमड़ता होगा, अंदर तक सब कुछ उजड़ गया होगा। आँखों में आँसू तब भी आते नहीं होंगे, बस आँखें पत्थर हो जाती होंगी, न किसी को देखती होंगी और न ही कुछ दिखता होगा। मुझे लगता है ये दोनों एक ही जैसे हैं, मौत आने पर भी लगता होगा कि कोई बचा ले, तुम्हारे जाने पर ऐसा था कि कोई तुम्हें रोक ले। इतना कुछ बुरा देखा है, लेकिन इससे बुरा नहीं, हाँ.....तुम्हें खुद से दूर जाते देखा है। मैंने मौत को तो महसूस नहीं किया है, लेकिन मैंने तुम्हें खुद से दूर जाते देखा है।। ~ सौरभ शुक्ला
मुकम्मल मेरा जहाँ होगा, जब..... ऐसी ही सर्द रातों में, शहर की भागम-भाग से दूर, इक वीरान स्टेशन पे, जहाँ कोई आता-जाता न हो, इक खाली कुर्सी पर, सिर्फ मैं और तुम, हल्की सी सर्दी, मेरे हाथो...
वो किस्सा जो कहानी बन नहीं पाया, वो किस्सा भी बस यहीं तक था शायद.....!!!!! उस दिन मैं तुमसे ही कह रहा था, जो चल रहा है चलने दो, समय के साथ हम खुद ही एक दूसरे को देख कर नजरें फेर लिया करेंगे, और आज हमने बिना एक-दूसरे को देखे ही आँखें फेर ली.....!!!!! अफ़सोस सिर्फ इतना सा है, कि अंजाम तो मिला नहीं, मैं उस कहानी को इक ख़ूबसूरत मोड़ भी दे नहीं पाया, जहाँ उसे छोड़ सकें.....!!!!! पर हाँ..... इस जन्म में न सही, लेकिन किसी जन्म में जब हम फिर मिलें, तो खुदा से अपने साथ मेरा साथ मांग लेना, मेरी तो वो वैसे भी नहीं सुनता.....!!!!! उस जन्म में महज इक ख़ूबसूरत मोड़ न हो, बल्कि एक रिश्ता हो खूबसूरत सा.....!!!!! जहाँ मैं तुमसे जी भर के लड़ सकूं, ज़िन्दगी भर.....!!!!! ~ सौरभ शुक्ला
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