•कुछ टूट गया-कुछ छूट गया•

सब कुछ तो वैसा ही है, 
कुछ चीजें हमने छोड़ दी ।।
शर्तें तो अब भी वही हैं, 
कुछ बातें हमने मान ली ।।
साथी तो अब भी वही हैं, 
कुछ छूट गये, 
कुछ छोड़ दिये, 
मशगूल हम कुछ यूँ रहे ।।
लोग तो अब भी वही हैं, 
कुछ चेहरे अब अंजान हैं ।।
रास्ते अब भी वही हैं, 
कुछ राहें अब वीरान हैं ।।
हवा तो अब भी वही है, 
बस फिजा कुछ बदली सी है ।।
जिंदगी भी बाकी बहुत है, 
कुछ जिंदगियाँ बदल गयीं ।।
लोग थे खामोश कुछ वक्त को, 
कोई चुप हुआ सदा के लिये ।।
वो उसके दिल में मर गया, 
वो दिल में उसके जी रहा ।। 
बँटवारा भी कुछ यूँ हुआ, 
दोनों अधूरे रह गये ।।
तुम बोल दो चाहे भले, 
बदनाम तुमको कर दिया, 
लेकिन तुम्हारा जिक्र भी, 
आगे किसी के न किया ।।
सौदा नहीं करना तुम अब, 
मैं हारकर आया हूँ सब ।।

मोहब्बत वाले चले गये, 
मोहब्बतें बाकी बहुत हैं.....।।

~ सौरभ शुक्ला

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