•बेलोज़•
बे-खबर ही अच्छा था, बे-असर तो था..... भले ही बेजान था, पर बेपरवाह था..... बे-वजह जिया करता था, बे-बुनियाद खुद में, पर जो भी था अक्सर हँस लिया करता था..... पड़ा ज्यों ही इस बेलोज़ इश्क़ में, अक्सर शामें-फजर आँखें नम हो जाया करती हैं.....!!!!! हुआ करता था जो 'सौरभ' कभी मैं, इक महज कातीब बनकर रह गया हूँ.....🙂 Meanings: बेलोज़- Unconditional फजर- Morning सौरभ- Fragrance कातीब- Writer