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Showing posts from February, 2020

•बस यूँ ही•

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खाली तुम भी, खाली मैं भी, ना तुममें कुछ बाकी, ना मुझमें.....!!!!! फासले ऐसे हो जायेंगे, ये कभी सोचा न था मैंने, तुम सामने थे मेरे, पर मेरे न थे.....!!!!! एक ही रस्ते दोनों हैं, राहें जुदा हैं, तुम कहीं जा रहे, मैं कहीं और, मंजिलें क्या हैं पता नहीं.....!!!!! थोड़ी दूरियां, थोड़ी मजबूरियां, वही तुम हो,  वही वादाखिलाफी, सही है!  आदतें जाती कहाँ हैं.....!!!!! कई बार सोचता हूँ कि, न तुम गलत थे, न ही मैं सही था, बस राहें अलग हो गईं.....!!!!! आज भी तुम्हें देख बस यही सोचा कि, क्या इसीलिए मिले थे ? शायद अधूरे रह जाने को, तुम कहीं,  और मैं कहीं.....!!!!! तुम्हारी आँखों को देखा मैंने, अब भी वैसी ही हैं, पूरी दुनिया को उसी में समेटे हुए, बस उस चेहरे में कुछ ढूंढ़ रहा था मैं, वो मुझे मिली नहीं, वही! तुम्हारी वही हँसी.....!!!!! फिर ‌देखा इस काँच में, उसमें हम दोनों साथ थे, बस कुछ दूरी पर ! ऐसी दूरी जो शायद कभी ख़त्म न होगी, बस यही सोच काँच ही तोड़ दिया मैंने, मुझे ऐसा कुछ भी मंजूर नहीं, जो मुझे और तुम्हें दूर रखे.....!!!!! मुझे देख तुम्हारा यूँ नजरें झुका लेना, क्या समझता मैं उसको, अब

•साइकिल से गिर जाने का डर•

बचपन से ही ऐसे माहौल में रहा हूँ जहाँ पे मम्मी-पापा, दादा-दादी हर कदम से पहले समझाते की बेटा ध्यान से.....!!!!! जब बचपन में साइकिल सीखना हुआ, तो इस बात से डर लगता था कि कहीं गिर न जाऊँ.....तब गिरने से बहुत डर लगता था, इस डर से इतना ध्यान से साइकिल चलाना सीखा की कभी गिरा नहीं साइकिल से, एक बार भी नहीं.....पहले तो भीड़ में साइकिल लेकर ही नहीं जाता था, वजह वही एक ही, डर.....!!!!! इस डर से इतना डर लग गया कि वो गिर जाने का डर कभी अंदर से जा ही नहीं पाया.....बेशक मैं कभी साइकिल लेकर तो नहीं गिरा लेकिन उस न गिरने की वजह से गिर कर फिर उठ जाने की कला सीख नहीं पाया.....!!!!! असल जिंदगी भी बिलकुल ऐसी ही है,  गिरना भी बहुत ज़रूरी है कि पता हो कि फिर उठ जाना है, फिर उठ कर ठीक वैसे ही आगे बढ़ते रहना है.....बड़ी बात इसमें नहीं कि हम कभी गिरे नहीं, बड़ी बात इसमें है गिर कर उठ कर फिर चलने लगने में.....!!!!! असल ज़िन्दगी में आज भी जब मेरे अन्दर गिर जाने का, कहीं पीछे रह जाने का डर आ जाता है तो इतना सावधान हो जाता हूँ कि ज़िन्दगी जीना ही बन्द कर देता हूँ, सारा ध्यान बस इस बात पर होता है कि गिरना नहीं है,