⊙बहाना⊙

बरामदे का आइना टूटा मिला है ,
निराश चेहरा छुपाने का बहाना अच्छा मिला है.....
पलट कर देखते हैं बरसों से पड़ी पुरानी चीजों को ,
बीता हुआ वक्त लौटाने का बहाना अच्छा मिला है.....
पुरानी तस्वीरें फिर खोली हैं आज ,
शबो-सुबह दिल बहलाने का बहाना अच्छा मिला है.....
आज फिर अपना पसंदीदा लिबास पहना है मैनें ,
रकीब को जलाने का बहाना अच्छा मिला है.....
तूफान आता है तो बंद कर लो सभी खिड़की दरवाजे ,
अंधेरे में बैठ जाने का बहाना अच्छा मिला है.....
अच्छा हुआ जल गया शहर का इकलौता डाकघर ,
खतों से पीछा छुड़ाने का बहाना अच्छा मिला है.....
यादें रख के सोते हैं तकिये तले इन दिनों ,
नीदों से अदावत का बहाना अच्छा मिला है.....
खोये-खोये चुप-चाप से रहते हैं आजकल ,
लोगों से दूर भाग जाने का बहाना अच्छा मिला है.....

©ImSaurabh99

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