हिसाब !

सोचा कि ,
आँसुओं का तकिये की नमी से बढ़कर ,
कुछ तो हिसाब होता होगा !
कोई तो देखता होगा !

आखिर ,
आँसू तो आँसू थे !
जुड़े तो आँसू ही बने !
बहे और उड़ गये ,
किसी को खबर भी न हुई !
😊😊😊😊😊
सवाल अब भी वही है !
हिसाब हुआ या बाकी है ?
😒😒😒😒😒

©ImSaurabh99

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